गंगूबाई काठियावाड़ी पूरी फिल्म | Gangubai Kathiawadi

गंगूबाई काठियावाड़ी

गंगूबाई काठियावाड़ी

Gangubai Kathiawadi

गंगूबाई काठियावाड़ी, गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी

आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली की नई फिल्म आ रही है नाम है, गंगूबाई काठियावाड़ी |

मुख्य रोल मे आलिया भट्ट होगी और संजय लीला भंसाली खुद इसका निर्देशन करेंगे | आलिया भट्ट इस फिल्म मे गंगूबाई काठियावाड़ी की भूमिका निभा रही है |

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गंगूबाई काठियावाड़ी कौन थी?

ये एक १६ वर्ष की लड़की थी, जो मुंबई के रेड-लाईट एरिया मे आई थी और यही फसकर रह गई | मुंबई के डॉन के घर जाकर उसे राखी बांधने और रेड-लाईट एरिया के काम करने वाली सेक्स-वर्कर के अधिकारो के लिए देश के प्रधानमंत्री तक पहुच गई |

गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी का जन्म १९३९ को हुआ था | गुजरात के काठियावाड़ के रहने वाले सम्पन्न परिवार की थी | गंगा को उनका परिवार पढ़ना-लिखाना चाहते थे, मगर गंगा के मन मे बालीवुड मे जाकर मशहूर हीरोइन बनना था | मगर मुंम्बाई जाए कैसे? ये हमेशा उसके दिमाग मे चलता रहता था |

तभी उनके पिता के यहा काम करने आया एक रमणीक नामक लड़का, जो काफी समय मुंम्बाई मे रह चुका था | उससे मिलकर गंगा बहुत खुश हुई और मुंम्बाई के बारे मे बाते करते-करते दोनों को प्यार हो गया |

गंगा को पता था की घरवाले नही मानेंगे इसलिए उन्होने भागकर शादी करने का फैसला कर लिया | मंदिर मे शादी कर अपने माँ के कुछ गहने और अपने कुछ कपड़े लेकर गंगा रमणीक के साथ मुंम्बाई चली गई |

गंगा मुंम्बाई मे आकार बहुत खुश थी और यहा खूब मेहनत कर मशहूर हीरोइन बनना चाहती थी |

कुछ दिन साथ रहने के बाद रमणीक ने कहा की “मै दोनों के रहने के लिए कुछ अच्छी जगह ढूँढता हूँ, तब तक तुम मेरे मौसी के पास रहो वो अभी आएगी तो उनके साथ चले जाना | ”

रमणीक की मौसी गंगा को अपने साथ लेकर चली गई | पर गंगा ये नही जानती थी की रमणीक ने उसे ५०० रूपये मे उसे बेच दिया है |

मौसी उसे मुंबई का प्रसिद्ध रेड-लाईट एरिया “कमाठीपूरा” की तरफ लेकर गई | गंगा ने अपने आपको बचाने का खूब प्रयत्न किया मगर अंत मे उसे समझ आ गया की वह अब काठियावाड़ नही जा सकती है और उसने अपने हालत से समझौता कर लिया |

गंगा ने विरोध छोड़ दिया और वही वैश्यालय मे रहने लगी | गंगा हरजीवन दास काठियावाड़ी अब गंगू बन चुकी थी | गंगू की चर्चा चारो तरफ होने लगी और वह कमाठीपूरा मे प्रसिद्ध हो गई |

एक दिन शौकत खान नामक व्यक्ति कमाठीपूरा आया, और सीधे गंगू के पास पहुचा, उसके साथ रहा और उसका इतना बुरा हाल किया की उसे अस्पताल मे भर्ती करना पड़ा | ऐसा बार-बार होने लगा |

उसी समय गंगू ने ठान किया की वह उस आदमी का पता तो लगाकर ही रहूँगी | जानकारी जुटाने पर पता चला की उसका नाम शौकत खान है और मशहूर डॉन करीम लाला के लिए काम करता है |

तुरंत ही गंगू पहुच गई करीम लाला के घर के पास और जैसे ही करीम लाला को जाता देखा रोककर बात करना चाहा | करीम लाला उससे बात करने के लिए उसे अपने घर ले आया | गंगू ने उसे पूरी बात बता दी | करीम ने कहा – “जब वो आए तो मुझे खबर कर देना” |

उसी समय गंगू ने करीम लाला को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया |

कुछ समय बाद शौकत खान फिर आया, तभी खबरी तुरंत करीम लाला को लेकर वहा पहुचा और करीम लाला ने शौकत खान को बहुत मारा और कहा – “गंगू मेरी बहन है, इसे कोई हाथ भी लगाया तो उसे छोडुगा नही | ”

इसके बाद से गंगू की धाक जम गई | धीरे-धीरे गंगू का दबदबा बढ़ता गया |

गंगू ने सेक्स-वर्कर के हक के लिए बहुत काम किया | यहा तक की ये भी नियम बनाया की किसी को भी यहा जबरदस्ती नही रखा जाएगा, कोई अगर ये काम छोडकर जाना चाहे तो जा सकता है |

गंगूबाई काठियावाड़ी की मृत्यु

गंगूबाई काठियावाड़ी की मृत्यु के बारे मे स्पष्ट जानकारी तो प्राप्त नही होती है मगर उनकी मृत्यु १९७६ से १९७८ के आसपास मानी जाती है |

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