हकीम हुमाम का इतिहास | Hakim Humam
अकबर का बावर्ची हकीम हमाम भी अकबर के
नवरत्नों में गिना जाता है । जिस दरबार में खाने और शराब पर अधिक जोर रहता हो, वहाँ
उसे रत्नों में गिना जाना स्वाभाविक है।
बावर्चीखाने के अधीक्षक के रूप में उसे
बढ़िया पकवान तैयार कराने पड़ने थे अन्यथा उसे अपने जीवन का खतरा था। परन्तु
बदायूनी ने लिखा है कि अकबर को यह सन्देह रहता
था कि हकीम हमाम ने उसे जहर दिया है, इससे
स्पष्ट हो जाता है कि सभी दूसरे व्यक्तियों की तरह हकीम हुमाम भी अकबर से घृणा
करता था। किसी प्रामाणिक इतिहास में हुमाम का कोई उल्लेख नहीं मिलता |