सभ्यता का अर्थ और परिभाषा | Meaning And Definitions of Civilization
सभ्यताएं कैसे और कहां विकसित हुई | सिन्धु घाटी सभ्यता | Sindhu Ghati Sabhyata | नील नदी | Neel Nadi । मिस्र की सभ्यता | Mishr Ki Sabhyata | मेसोपोटामिया सभ्यता | Mesopotamia Ki Sabhyata | क्रीट सभ्यता । Kreet Civilization | इंका सभ्यता । Inca Civilization | माया सभ्यता | Maya civilization | यूरोपीय सभ्यता
सभ्यता को अंग्रेजी में Civilization कहते हैं और Civilization शब्द लैटिन भाषा के Civics शब्द से बना है, जिसका अर्थ है Citizen या नागरिक । किसी विशिष्ट सभ्यता के विकास में नगर एक अनिवार्य अंग रहा है । नगर न केवल सत्ता और संगठन का केन्द्र रहा है बल्कि संस्कृति तथा धर्म का भी केन्द्र रहा है । इन नगरों में लोग रहा करते थे तथा जिस ढंग से वे जीवन व्यतीत करते थे तथा जिन धारणाओं में वे विश्वास रखते थे, इन्हीं सबसे किसी विशिष्ट सभ्यता का विकास हो जाया करता था । अधिकांश सभ्यताएं जल-आश्रित थीं, जैसा कि जर्मन इतिहासकार कार्ल ए. ने ऐसी सभ्यताओं को “हाइड्रोलिक सिवलाइजेशन” ( Hydraulic Civilization ) कहा है । “हाइड्रो” शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है जल । अतः इसका शाब्दिक अर्थ है “जलीय सभ्यता” अर्थात् वह सभ्यता, जो जल पर निर्भर रहती है । ये सभ्यताएं अनिवार्य रूप से नदियों के आसपास ही विकसित हुई ।
सभ्यताएं कैसे और कहां विकसित हुई | How and where did civilizations develop
यह सभ्यताएं कब और कहां पैदा हुई तथा इनके उत्पन्न होने के पीछे क्या कुछ समान कारण थे ? इन्हीं को हमें समझना होगा ।
संस्कृति का निर्माता मनुष्य सदा से गतिमान रहा है । शायद इसी वजह से सभ्यताएं एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचती रहीं और साथ ही साथ अपने-आप अलग भी विकसित होती रहीं । फिर भी इनमें कुछ समानता रही है । इसके पीछे कारण रहा है मनुष्य की समान आवश्यकताएं । जैसे-भोजन करना, बातचीत करना और पुनरूत्पादन करना आदि ।
अधिकांश सभ्यताएं किसी नदी अथवा समुद्र के निकट ही विकसित हुई हैं । किसी सभ्यता के विकास को समझने के लिए उन भौगोलिक तत्त्वों का अध्ययन करना होगा, जिनमें विभिन्न सभ्यताओं का जन्म हुआ है ।
सिन्धु घाटी सभ्यता | Sindhu Ghati Sabhyata
४५०० वर्ष पूर्व सिन्धु नदी के तट पर एक ऐसी सभ्यता उत्पन्न हुई थी, जो अपने पीछे एक विशाल परंपरा छोड़ गयी है । सिन्धु नदी (जो अब पाकिस्तान में है) ३.१६८ कि.मी. लंबी है । यहां एक विशाल घाटी है । अब यह उतनी उपजाऊ नहीं है, जितनी प्रारंभिक दिनों में रही होगी ।
पूर्वपाषाण युग, मध्य युग और उसके बाद नवपाषाण युग में सिन्धु घाटी बहुत संपन्न हुआ करती थी । यह विकसित हुई सभ्यता ही सिन्धु घाटी की सभ्यता के नाम से विख्यात है ।
समय के साथ-साथ अब यह घाटी उतनी संपन्न तथा उपजाऊ नहीं रह गयी है । भूमि में निहित लवणों की बड़ी मात्रा के कारण यह स्थान अब बंजर हो गया है ।
नील नदी | Neel Nadi । मिस्र की सभ्यता | Mishr Ki Sabhyata
४१७० मील लंबी नील नदी विश्व की सबसे बड़ी नदी है । इसी के एक किनारे पर मिस्र की सभ्यता का विकास हुआ । यह सभ्यता नील नदी के पूरे तट पर न फैलकर केवल ६२५ मील लंबे क्षेत्र में फैली हुई थी ।
नील नदी अपनी भयंकर बाढ़ के लिए जानी जाती थी । मिस्र के निवासी इसे “ईश्वर का उपहार” मानते थे । वे मानते थे कि यह नदी ईश्वर है और बाढ़ द्वारा लोगों के भरण-पोषण और फलने-फूलने में उनकी सहायता करती है ।
मिस्र के निवासी इस घाटी में इसलिए आकर बसे क्योंकि जब इस नदी में बाढ़ आती थी तो पूरी घाटी बाढ़ के पानी से भर जाती थी । चूंकि वह पानी विभिन्न जैव पदार्थों से युक्त होता था, अतः वहां की भूमि अधिक उपजाऊ हो जाती थी । इस प्रकार नील नदी ने यहां की सभ्यता को विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक महान् सभ्यता के रूप में विकसित होने में पूरा सहयोग दिया ।
मेसोपोटामिया सभ्यता इन हिंदी | मेसोपोटामिया सभ्यता | Mesopotamia Ki Sabhyata
मसोपोटामिया शब्द का अर्थ है “नदियों के मध्य”। मसोपोटामिया क्षेत्र यूफ्रेट्स तथा टाइग्रस नामक दो नदियों के बीच स्थित था । यूफ्रेट्स नदी १.७२५ मील तथा टाइग्रस नदी १२५० मील लंबी थीं । दोनों ही नदियों का स्रोत तुर्की में आर्मीनिया पर्वत था । यूफ्रेट्स का बहाव धीमा तथा इसका तल अस्थिर था । इसके विपरीत टाइग्रस नदी की अनेक सहायक नदियां थीं, जैसे-लैसरज़ेब, ग्रौसरज़ेब तथा दियाला । टाइग्रस में प्रायः बाढ़ आया करती थी, जो यूफ्रेट्स में आयी बाढ़ों से कहीं अधिक भयंकर होती थी ।
दो नदियों के बीच बसा होने के कारण मसोपोटामिया का पर्यावरण नील घाटी के पर्यावरण की अपेक्षा अधिक जटिल रहा । इसीलिए इस स्थान की ऐतिहासिक घटनाएं भी अलग हैं । निःसंदेह मसोपोटामिया की भूमि में समय-समय पर परिवर्तन होते रहे और पर्यावरण में इस प्रकार के परिवर्तन के कारण वहां की सभ्यता में भी बदलाव आये ।
यूरोपीय सभ्यता
नवपाषाणयुगीन यूरोप में किसी महान् सभ्यता का उदय नहीं हुआ । वहां कुछ स्थानीय संस्कृतियां उत्तम कोटि की वस्तुओं का उत्पादन तो करती थीं, किन्तु उनमें आवश्यक संगठन तथा समन्वय का अभाव था । इन स्थानीय संस्कृतियों ने अपने समाज के विषय में एक भी लिखित दस्तावेज नहीं छोड़ा, यह एक आश्चर्य की बात है । वास्तव में इन स्थानीय संस्कृतियों के विषय में सच्चाई अभी भी ज्ञात नहीं हो सकी है ।
अब प्रश्न यह उठता है कि वे लोग अपने पीछे कोई लिखित अभिलेख क्यों नहीं छोड़ गये ? इस प्रश्न का उत्तर वहां के पर्यावरण को जानकर ही मिल सकता है । क्योंकि वह क्षेत्र जंगलों तथा पहाड़ों से भरा हुआ था और वहां समय-समय पर वर्षा भी होती रहती थी, अतः वह एक उपजाऊ क्षेत्र था । फिर यूरोप में पूर्वपाषण युग से नवपाषाण युग में परिवर्तन की प्रक्रिया बहुत धीमी थी । उस समय जनसंख्या सीमित ही थी । अतः उस समय का समाज अपनी रीति-रिवाजों, आदतों, वास्तुकला आदि से संबंधित परंपराओं का लेखा-जोखा मौखिक रूप से ही रखता था । उसे इस सबको लिखने की आवश्यकता कभी भी नहीं पड़ी । यही कारण है कि इस क्षेत्र के विषय में कोई भी लिखित सामग्री उपलब्ध नहीं है ।
क्रीट सभ्यता । Kreet Civilization
भुमध्य सागर के बीच के इस क्षेत्र में अनेक नवपाषाणयुगीन संस्कृतियों का विकास हुआ । समुद्र इन संस्कृतियों को एक-दूसरे के निकट लाया । क्रीट नामक एक उन्नत सभ्यता इसी क्षेत्र में फली-फुली । यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था और क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की फसलें उगायी जाती थीं । भरपूर मात्रा में पैदावार तथा समुद्र के साथ लगे होने के कारण यहां व्यापार के फलने-फूलने के लिए आवश्यक सारी परिस्थितियां विद्यमान थीं ।
इंका सभ्यता । Inca Civilization
उत्तरी तथा दक्षिण अमरीका में अनेक प्रकार के पर्यावरण पाये जाते हैं, जैसे रेगिस्तान, बरसाती जंगल, ऊंचे पहाड़ी क्षेत्र तथा उपजाऊ क्षेत्र । दोनों ही अमरीका की अनेक महान् संस्कृतियों के पोषक रहे हैं । एन्डीज की घाटी में जो काफी संपन्न थी तथा प्रशांत महासागर तक थी, दो काफी जटिल संस्कृतियों चीमू (Chimu) तथा इन्का (Inca) साम्राज्यों का आधार बनीं ।
माया सभ्यता | Maya civilization | Maya Sabhyata
मध्य अमरीका के वनों के निकट के क्षेत्रों ने माया (Maya) सभ्यता को एक समृद्ध सभ्यता के रूप में विकसित होने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण योगदान दिया । जबकि मध्य मैक्सिको के ऊंचे मैदानों ने उन संस्कृतियों को बढ़ावा दिया, जो आरंभ तो कहीं और हुई परंतु जिनका विकास इसी स्थान पर हुआ । ये संस्कृतियां मुख्यतः टोल्टेक (Toltecs), तियूतिहुआकान (Tcotihuacan) तथा एज़टेक (Aztecs) नामक थीं ।
अमरीकी सभ्यता के विषय में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि मिसीसिपी तथा अमेजन नदियों के निकट किसी भी प्रकार के मानवीय विकास के लिए आवश्यक उपादानों का पूर्णतः अभाव रहा है । इसके अतिरिक्त गेहूं, जौं, चावल तथा जई जैसी फसलें यहां नहीं पायी जाती थीं । अमरीका में पाया जाने वाला एकमात्र अनाज मक्का (Maize) था । इसीलिए इस क्षेत्र की सभ्यताओं को कभी-कभी “मैसोअमरीका” के नाम से भी जाना जाता है ।