कविताए / दोहे कविताए | Poem कविता | Poems रचयिता – श्री योगेश शर्मा “योगी” कर्मो के कारनामो से, नर नारायण हो जाता है | बिना पढे भागवत, जी का पारायण हो जाता है || इसे भी पढ़े[छुपाएँ] कबीर के दोहे ईमान के बाजार रिश्ते निभ रहे – कविताएँ सूखे घाट की प्यास – कविताएँ