चीन मे प्राप्त प्राचीन सुनहरी ममी | Ancient Golden Mummy Found in China
चीनी पुरातत्वविद् उस समय हर्ष और आश्चर्य से भर उठे, जब उन्होंने अब तक की सबसे पुरानी और संपूर्ण ममी (रसायनों से उपचारित सुरक्षित रखा शव) चीन में ही खोज निकाली, परंतु आश्चर्यजनक बात यह थी कि ममी जो एक औरत की थी और जो अपनी मृत्यु के समय अनुमानतः ४० वर्ष की रही होगी, चीनी थी ही नहीं।
उलटा, यह रहस्यमयी और सुनहरी बालों वाली औरत ‘काऊकेशियन'(Caucasian) (काला सागर और कैस्पियन सागर के बीच का इलाका) थी, जो चीन में कोई १ हजार साल पहले रहा करते थे ।
‘चाइना डेली’ अखबार के अनुसार, उक्त औरत का कद लगभग ५ फुट लंबा था । उसकी त्वचा का रंग लाल मिश्रित भूरा था और उसके बाल लंबे एवं सुनहरे रंग के थे । चूंकि उसे ऐसे मरुस्थल में दफनाया गया था जो कि बहुत ही सूखा इलाका था, उसकी चमड़ी अपना पूर्ण लचीलापन लिए थी । उसका पूरा शरीर पूर्णतया सुरक्षित था । यहां तक कि उसके शरीर के अंदरूनी हिस्से भी अपनी पूर्ण स्थिति में बरकरार थे ।
शोधकर्ताओं के अनुसार उक्त औरत युइगर्स नामक घुमंतू खानाबदोश जाति की सदस्या थी, जो शोधकर्ताओं के अनुसार आधुनिक तुर्को के वंशज थे ‘नोस्टन म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स’ के ‘वू तुंग के अनुसार युइगर्स लोगों पर ग्रीक, भारतीय एवं चीनियों का बड़ा गहरा प्रभाव था ।
शंघाई के वे चिकित्सक जिन्होंने इस सुनहरे बालों वाली ममी का बड़ा गहरा अध्ययन किया है, ने उसके बारे में काफी चौंकाऊ नतीजे सामने रखे हैं । चिकित्सकों के अनुसार ममी चाहे कोई भी रही हो, परंतु वह अपनी मांसपेशियों में ‘कोलोस्ट्रोल’ की अत्यधिक मात्रा लिए मरी एवं उसके फेफड़ों में मिश्रित धातु को अधिक ठोस बनाने के लिए काम आने वाला सफेद चमकीला पदार्थ भी काफी मात्रा में मौजूद था, परंतु यह पदार्थ उसके फेफड़ों में क्यों था ? इसका जवाब चिकित्सक नहीं दे सके ।
आत्मा से मुलाक़ात | Aatma Se Baat
यह घटना १९वीं सदी के सुप्रसिद्ध खगोलविद् कैमाइल फ्लेमैरिआन से संबंधित है । यह कम लोग ही जानते हैं कि कैमाइल फ्लेमैरिआन गुप्त विद्या के भी विद्यार्थी थे । अपनी पुस्तक “द अननोन” में मृत्यु के बाद के जीवन की पहेलियों का वर्णन करते समय उन्हें एक प्रेतात्मा से साक्षात्कार हुआ था । इस पुस्तक का प्रकाशन सन् १९०० में हुआ ।
कैमाइल अपने कमरे में बैठे वायुमंडल की गतिविधियों के बारे में लिख रहे थे कि अचानक तेज झंझावात आया तथा खिड़कियों के शीशे तोड़ता हुआ कमरे में प्रवेश कर गया । लेखक की मेज पर फैले कागज के पन्ने को उड़ाता हुआ सड़क पर बिखेरता चला गया । कुछ दिनों बाद जब वह पुस्तक छपने के लिए प्रकाशक के पास भेजी गई, तो उसमें हवा के प्रभाव वाला चैप्टर गायब था, जिसकी सूचना प्रकाशक ने श्री कैमाइल को अपने दरवान के माध्यम से भेज दी ।
संयोग से दरबान को रास्ते में बिखरे हुए पन्ने मिले, जिन्हें समेटकर उसने अपने मालिक को दे दिए | प्रकाशन को उन खोए हुए पन्ने को मिल जाने पर प्रसन्नता मिश्रित आश्चर्य हुआ ।