बायाजी की पूजा | केसरिया कंवर जी की पूजा | भैरव जी की पूजा विधि | Bayaji Ki Puja | Kesariya Kanwar Ji Ki Puja

बायाजी की पूजा | Bayaji Ki Puja

बायाजी की पूजा भादवा सुदी सप्तमी न और कोई चौदस न कर कुकूं चांवल, पान, सुपारी, नारियल, फल-फुल, काचो दूध, दीप, धुप, पाणी अगरबत्ती, कपूरस्यू पूजा कर धोक देणूं । बी दिन चांवल बणाव ब्यामें शककर घालर सात कंवारी छोरयांन जिमाणुं ब्याने पैसा, नारियल की चिटक्यां देव । छोरयां नहीं मिल तो गाय न दे देणूं ।

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केसरिया कंवर जी की पूजा | Kesariya Kanwar Ji Ki Puja


भादवा सुदी नौमी न केसरिया कंवरजी की पूजा करणो, कुंकं पान सुपारी, चांवल, नारियल, फल फुल, दीप, दूप, अगरबत्ती स्यू पूजा करणो दीवार पर काजलस्यू सात मांडणूं । पेडा या चुरमा को भोग लगाणूं । खीर को भी भोग लगाणूं । आरती करणूं । प्रसाद सगलां न बांटणूं ।

बाबा रामदेवजी की पूजा | भादवा सुदी दशमी की पूजा


भादवा सुदी दशमी न रामदेवजी की दशमी बोल । दशमी को एकासणो करणो रामदेव बाबा को आरती करणूं । चूरमा को नहीं तो पेड़ा को भोग लगाणूं रामदेवजी की जोत लेणो कोई की इच्छा होवे तो रामदेव बाबा को जागरण देणूं प्रसाद बांटणूं भजन पूजन कीर्तन करणूं

भादवा सुदी एकादशी देवझूलनी


भादवा सुदी एकादशी न देव जल झूलणी एकादशी बोल ई दिन एकादशी को बरत करणूं कन्हैयो हुया पछ यशोदाजी मैय्या जलवा पूजण गया ई दिन देवतां की पालक्यां निकल नदी क किनार जाब बठ आरती कर प्रसाद बांट उच्छव कर गव तिरथ का बरत बो दिनस्यू शुरु हुव । ई दिन जागरण करणूं भजन कीर्तन पूजण करणूं ।

गौ तिरायत का बरत | तिरायत का व्रत


भादवा सुदी ग्यारसस्यू दो निगोट बरत करणूं कोरो पाणी ही पीणूं तीजे दिन फराल करणूं चौथ दिन पाणी पीकर बरत करणूं पूनम क दिन भी निगोट बरत करणूं । एकम क दिन पालणों करणूं । भोजन करणूं मोली की बत्ती बणार अच्छा घी की चिराग बाटका या म तासलीम जोवणूं | गेहूं को ढ़िगलो करणूं दोनु टेम चिराग की पूजा करणूं । गाय की पूजा करणी। गाय न घास डालणू तीन जोडा जीमाणा गाय दान करणूं शक्ति सारु ब्राह्मण न भोजण कराणूं । चरी, घास, लाठी, पोलको, छडी, टोकरो चांदी की गाय, सोना का सींग, मोती की पूछडी, तांबा की पीठ, चांदी का खुर। गाय की पूजा करर ब्राह्मण न दान देणू ।

सांवरा जी की पूजा


भादवा सुदी बारस न सांवलाजी की पूजा करणूं कूंकूं चांवल हल्दी मोली, अगर, दूप, दीपस्यु पूजा आरती करणो । चूरमा को या पेडा नारियल को भोग लगाणू ।

भेरुजी की पूजा विधि | भैरव जी की पूजा विधि


भादवा सुदी चौदस न नहीं तो इतवार न भैरुजी की पूजा करणू।

तेल, सिन्दुर, माली पन्ना (वरक) कूँकूँ चांवल, नारियल, फुल, दीप, दूपस्यू पूजा करणों । नारियल बदारणू । प्रसाद घर का ही खाणू । बारलान देणू नहीं दूसरां न देव तो भरुजी लाव जावे घर लाणू नहीं पूजा करर पाछा घर आवतां पाछा देखणू नहीं साबता मूग भैरुजी क चढाणू ।

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