नींद में शरीर क्यों चलता है | नींद में चलने की बीमारी | sleepwalking disease
पूरे दिन काम करने के बाद शरीर के साथ ही दिमाग भी थक जाता है और इसे फिर से चुस्त-दुरूस्त बनाने का काम नींद ही करती है ।
वैज्ञानिकों का कहना है हमारे सोने में दिमाग में स्थिर ‘स्लीप सेंटर’ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और खून में मौजूद कैल्शियम इसे नियन्त्रित करता है।
सोते समय यह स्लीप सेंटर दो काम करता है-पहला, यह दिमाग को पूरी तरह से अवरूद्ध कर देता है, जिससे व्यक्ति होश खो बैठता है और दूसरा, यह दिमाग से जाने वाली हर नस को भी अवरूद्ध कर देता है, ताकि शरीर के बाकी हिस्से को आराम मिल सके।
नींद में भी शरीर चलायमान रहता है और व्यक्ति एक रात में करीब 20 से 40 बार करवट बदलता है । इस दौरान रक्तसञ्चार और दिल के साथ ही पाचन तन्त्र अपना काम करते हैं ।
हां, शरीर का तापमान जरूर एक अंश तक कम हो जाता है । इस समय का उपयोग शरीर की कोशिकाएं दिन भर की गंदगी बाहर निकालने में करती हैं ।