दो व्यक्तियों की आवाजें एक जैसी क्यों नहीं होतीं | Why are the voices of two persons not the same

दो व्यक्तियों की आवाजें एक जैसी क्यों नहीं होतीं | Why are the voices of two persons not the same

दुनिया में कोई भी दो व्यक्तियों की आवाजें एक जैसी नहीं होतीं; क्योंकि हर व्यक्ति के आवाज पैदा करने वाले अंगों की संरचना अलग-अलग होती है ।

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हर व्यक्ति के गले में एक खास अंग होता है, जिसे वाइस बाक्स, लेरिंक्स या स्वरयंत्र कहा जाता है । जब हवा वाइस बाक्स से गुजरती है, तो आवाज पैदा होती है इसकी दीवारें उपास्थियों की बनी होती हैं । दीवार के अंदरूनी हिस्से में टिश्यूज की दो तह होती हैं, जो दोनों तरफ से खिंचे हुए होते हैं ।

इन्हें वोकल कार्डस कहा जाता है । जब हम सांस लेते हैं, तब इन कार्डस के बीच का अन्तर बहुत ज्यादा होता है, लेकिन जब हम बोलते हैं, गाते हैं या चिल्लाते हैं, तब इनमें खिंचाव आ जाता है और इनके बीच का अन्तर कम हो जाता है ।

इनमें से गुजरने वाली हवा इन्हें वाइब्रेट करती है, जिससे ध्वनि पैदा होती है । हर व्यक्ति की ध्वनि की तीव्रता उसकी वोकल कार्डस की संरचना पर निर्भर करती है ।

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