यक्षिणी साधना विधि | यक्षिणी साधना कैसे करते हैं | यक्षिणी साधना अनुभव | yakshini sadhana | yakshini mantra | yakshini siddhi

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यक्षिणी साधना विधि | यक्षिणी साधना कैसे करते हैं | यक्षिणी साधना अनुभव | yakshini sadhana | yakshini mantra | yakshini siddhi

यक्षिणी साधना विधि


इस प्रकरण में हम अति दुर्लभ तथा गुप्त यक्षिणियों का साधन प्रयोग लिख रहे हैं । इसमें वर्णित किसी एक की सिद्धि हो जाने से साधक की समस्त मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं । साधक को चाहिए कि अत्यन्त शान्तिपूर्वक यक्षिणी को माँ, बहन, कन्या अथवा पत्नी के समान जानकर उनकी साधना तथा ध्यान करे ।

थोड़ी सी असावधानी में बाधा पड़ सकती है । यक्षिणी साधन में भोजन इत्यादि सात्त्विक यानी मांसरहित होना चाहिये । पान, तम्बाकू आदि विलासी वस्तुओं को त्याग देना ही उचित है । साधन काल में किसी को स्पर्श नहीं करना चाहिये । प्रातःकाल शय्या त्याग नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करके मृगछाला पर बैठ एकाग्रतापूर्वक जाप करना चाहिये और तब तक जाप करते रहना चाहिये जब तक यक्षिणी सामने प्रकट न हो जावे ।

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