पंच तीरथियां | Panch Tirathiya
कातिक सुदी ग्यारस सू ग्यारस, बारस दो दिन निगोट बरत करणू । तेरस न अलूणो फराल लेणू चौदस, पूनम न निगोट करणू । घी की अखण्ड चिराग ५ दिन जोणू । ५ जोड़ा जोड़ी जीमाणा और आपकी शक्ति सारु ब्राम्हण भोजन कराणूं। होम करणू। एकम क दिन पालणो करणू। दान दक्षिणा देणू । सवाग की चीजां शक्ति सारु ५ साडया और मोटयारां न धोत्यां आदि देणू।