चान्द्रायण व्रत विधि | Chandrayan Ka Vrat
कार्तिक का महिना म चन्द्रयण को बरत करणू | पेला दिन एक कछो लेणू, दूजे दिन दो काछा [मासा] यान १५ दिन तक पूनम से अमावस तांई बढ़ाणू बीक बाद एकमसुं पूनम तांई एक एक काछो घटाता जाणू । बादाम को या राजगीरा का आटा को बावडी का पाणी सू सीरो बनाणू बीको ई एक मासा सू शुरु करणू । बावडी को पाणी पीणू ।
एकान्त मे बैठणू छीण हुयोडी लुगाई सू अथवा पराया पुरुष सू बात नहीं करणू । नीच जात को मुण्डो नहीं देखणूं । कथा सुणणूं । भजन कीर्तन करणू बीक बाद ३० जोडा जोडी और नहीं तो १५ जोडा जोडी न भजन कराणू इतनो भी न बण पाव तो एक जोडा जोडी न तो जरुर जीमाणू होम करणू सुख सेज देणू । अखण्ड घी की चिराग राखणू, बालकृष्ण लाल भगवान की फोटो राखणू रोज पूजा करणू शक्ति सारु ब्राम्हण न दान करणू।