गोपाष्टमी पूजा विधि | Gopashtami Puja Vidhi
गोप अष्टमी न १०८ या ८ गायां की पूजा करणूं। एकासणो करणूं ।
फराल का बरत – कोई एक महिनो फराल करर बरत कर । राज-गीरो भगर, आलु फल, साबुदाणा, आदि को फराल बनाकर लेणूं । सेंधा नमक को उपयोग करणूं । ब्राह्मण न फराल कराणूं और यथा शक्ति दान धरम करणूं ।
दुगडया – २ चार बजां क बाद भोजन करणूं। एक धाण खाणूं । खाली गेहूं, गो-मूत्र म भिगाकर हाथ सूं आटो पीसकर खाणूं तीस ब्राह्मण जीमाणूं, तीस सज नहीं खावे तो एक तो जोमाणूं । शक्ति सारु दान दक्षिणा देणूं ।