भूपेन्द्रनाथ सान्याल । Bhupendranath Sanyal
श्री भूपेन्द्रनाथ सान्याल श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल के सबसे छोटे भाई थे । इनका जन्म पहली जनवरी सन् १९०६ ई० में कलकत्ता में हुआ था । जन्म के दूसरे ही वर्ष इनके पिता का देहान्त हो गया । इसके बाद इनका बाल्यकाल अपनी माता के साथ बनारस में बीता ।
बनारस षड्यन्त्र के मुक़दमे के समय इनकी अवस्था ९-१० साल की थी । खुफिया विभागवाले अक्सर इन्हें मिठाइयाँ देकर श्री शचीन्द्रनाथ सान्याल के सम्बन्ध में पूछताछ किया करते थे। परन्तु भूपेन्द्र नाथ उन्हें कुछ भी उत्तर नहीं देते और उन्हें सदा निराश होना पड़ता था । बनारस षड्यन्त्र में इनके तीनों भाइयों को सज़ा हुई थी । श्री शचीन्द्र नाथ को आजन्म काले पानी, श्री यतीन्द्रनाथ को दो वर्ष की सख्त कैद और श्री रवीन्द्रनाथ (जो सेण्ट एडरुज़ कालेज गोरखपुर में प्रोफेसर थे) नज़रबन्द कर दिये गये थे ।
श्री भूपेन्द्रनाथ पर अपनी माता का बहुत असर पड़ा और सदा इनका जीवन उत्साहमय रहता आया । गोरखपुर से स्कूल लीविंग परीक्षा पास कर ये इलाहाबाद चले आये, और यह पर इविंग क्रिश्चियन कालेज से आई.एस.सी.पास कर जब यूनिवर्सिटी कालेज के बी.एस.सी. (चतुर्थे वर्षे) में पढ़ रहे थे, काकोरी षड्यन्त्र के मुकदमे में गिरफ्तार कर लिये गये और इन्हें प्रत्येक धारा के अनुसार ५।५ वर्ष की कडी सज़ा दी गयी ।
यूनिवर्सिटी के वाद-विवाद में यह खूब भाग लेते थे । शरीर से अधिक हट्ट-कट्ट होते हुए बड़े परिश्रमी, उद्यमशील और फुर्तीले व्यक्ति थे । फुटबाल तथा हाकी के अच्छे खिलाड़ी थे । इनके चेहरे से गम्भीरता, उत्साह और साहस प्रत्यक्ष प्रकट होता था । मातृभूमि के उद्धार के लिये इनके हृदय में उत्साह था ।