रामनाथ पाण्डेय । Ramnath Pandey
श्री रामनाथ पाण्डेय का जन्म आश्विन कृष्ण १२ संवत् १९६७ में सूरजकुण्ड, बनारस में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री देवकी नन्दन पाण्डेय था । बचपन में ही इनके पिताका स्वर्गवास हो गया |
जिस समय ये काकोरी पड़यन्त्र के मुक़दमे में गिरफ्तार हुए, उस समय इनकी अवस्था साढ़े पन्द्रह वर्ष की थी और काशी के सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल के दसवें दर्जे में पढ़ रहे थे । इनके परिवार में इस समय भरण-पोषण करने वाला इनके सिवा कोई नहीं था । इनके यहाँ जब तलाशी हुई, तो पुलिस को श्री गोविन्दचरण कर और श्री इन्दु-भूषण मित्र के पते मिले, जिससे पुलिस ने खूब फायदा उठाया । साथ ही यहाँ पर पुलिस को १२ बातों वाला एक पर्चा भी मिला । यह परचा क्रान्तिकारी दल के नियमानुसार छावनियों, नहर आदि के अच्छे-अच्छे रास्तों आदि के सम्बन्ध में था ।
श्री रामनाथ कसरत के बड़े ही पक्षपाती हैं और हवालात के समय जेल में ये बराबर कसरत करते रहे । उनसे तुलना करते हुए अभियुक्तों में इनके स्वास्थ्य के जैसा अच्छा स्वास्थ्य एकाध को छोड़कर शायद ही किसी का था । ये नियमानुसार नित्यप्रति पूजा-पाठ भी किया करते थे । मिजाज इनका बड़ा सीधा-साधा था । अपनी माँ के एक मात्र सहारा होते हुए भी इन्होंने इस चिन्ता को कभी अपने दिल में नहीं आने दिया । कहते हैं,कि “मैं एक और बड़़ी मां के प्रति अपना कर्तव्य पालन कर रहा हूँ, फिर चिन्ता काहे की ?”
इतनी छोटी उम्र के होते हुए भी इनमें बड़ी दृढ़ता था । हवालात में १५ दिनों तक अनशन करके इन्होंने प्रशंसनीय साहस और दृढ़ता का परिचय दिया । इनके व्रत को तोड़ने के लिये इन्हें अनेक तकलीफ दी गयीं; पर वे बराबर दृढ़ रहे । हवालात में पुलिस ने सेण्ट्रल हिन्दू स्कूल के एक सम्भ्रान्त शिक्षक को बुलवाकर उनके द्वारा इन्हें फुसला कर सब बातें खुलवाने की चेष्टा की ।पर श्री रामनाथ की दृढ़ता के सामने उक्त शिक्षक महाशय को असफल होकर लौटना पड़ा ।
इन्हें काकोरी केस में ५ वर्ष को कड़ी कैद की सज़ा दी गयी थी । ये बराबर पढ़ते रहे, तथा शान्ति से जेल जीवन व्यतीत कर रहे थें । ये हिन्दी, अंग्रेजी और बंगला जानते थे । हवालात में इन पर सभी बड़ा स्नेह रखसे थे । इन्हें गुस्सा होते तो किसी ने कमी देखा ही नहीं ।